पर्यावरण, नदी-तालाबों व जलीय जीव-जन्तुओं की रक्षा के लिये मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा ही स्थापित करें

मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाएं ही स्थापित करें : कलेक्टर 



मण्डीदीप - कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने 02 सितम्बर को गणेश चतुर्दशी के अवसर पर जनसामान्य से मिट्टी से बनी इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण के लिये जरूरी है कि हमारे जलस्त्रोत निर्मल बने रहें और इसके लिए सभी लोग मिट्टी से बनी गणेश जी की प्रतिमाओं की ही स्थापना करें ताकि पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान न हो।
कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाएं स्थापित कर हमें पर्यावरण, नदी-तालाबों तथा जलीय जीव-जन्तुओं की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिट्टी से बनी प्रतिमाएं जलस्रोतों के पानी में अच्छी तरह से घुल जाती हैं और इनका किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। यह नदी-तालाब की तलछट को प्रदूषित भी नहीं करती।
उन्होंने कहा कि प्रायः घरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियाँ पीओपी और रासायनिक रंगों से बनी होती हैं, जो विसर्जन पर पर्यावरण समस्याओं को जन्म देती हैं। पीओपी की परत जलस्रोतों की तली में जाकर सीमेंट की तरह जम जाती है और पानी को रिसने से रोक देता है। पीओपी की प्रतिमा पर हानिकारक रासायनिक रंग लगाए जाते हैं, ये जब पानी में घुलते हैं तो इनके विषाक्त प्रभाव से पानी में रहने वाले जलीय जन्तुओं और मछलियों के लिये घातक असर छोड़ते हैं। इससे हमारी नदियाँ, तालाब और अन्य जलस्रोत भी प्रदूषित होते हैं और उनका पानी उपयोग के लायक नहीं रह जाता है।


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