आज विराजेंगे विध्नहर्ता, घर-घर एवं चैक चैराहों पर हुई तैयारियां
पीओपी से बनी मूर्तियां न खरीदे
पीओपी सेे बनी मूर्ति
मंडीदीप - प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की स्थापना के साथ ही आज से 11 दिवसीय गणेशोत्सव शुरू होने जा रहा हैं। जो 12 सितंबर तक मनाया जाएगा। शहर में लगभग सैकड़ा से अधिक स्थानों पर गणेश जी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्री गणेश स्थापना के लिए पंडाल सजने लगे हैं। गणेशोत्सव की तैयारियों को लेकर शहर के बाजारों में पिछले 3-4 दिनों से अधिक भीड़ देखी जा रही हैं। साथ ही बाजार में भगवान गणेश की पीओपी से बनी प्रतिमाएं बहुत सुंदर-सुंदर मिल रही है। पर यह प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं। इस दौरान पर्यावरण को बचाने का एक ही तरिका हैं। वह है ईको फ्रेंडली गणेष की प्रतिमाएं ही स्थापित की जाएं।
ऐसे पहचाने पीओपी की मूर्तियां -
अगर आप बाजार में गणेश प्रतिमा खरीदने जाते है तो इन बिदुंओं के आधार पर ही गणेश प्रतिमा खरीदे। प्लास्टर आफ पेरिस से बनी मूर्तियां अंदर से खोखली होती हैं। जबकि मिट्टी से बनी मूर्ति में ऐसा नहीं होता हैं। मिट्टी की मूर्ति पीओपी से वजनी होती हैं। इसके साथ ही मिट्टी से बनी मूर्ति, पीओपी की अपेक्षा कम चमकदार होती हैं।
जलाशयों और जीव जंतुओं को होता है नुकसान -
प्लास्टर आफ पेरिस से बनी मूर्तियां दिखने में जीतनी अधिक सुंदर होती है उतनी ही यह हानिकारक होती है। पीओपी से बनी मूर्तियों को जब जलाशयों में विसर्जित किया जाता है तो इससे जलाशयों का पानी विषैला हो जाता है। और इसमें रहने वाले जीव जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ जाता है। इसके साथ ही यह पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता हैं।
Post a Comment