पितृ पक्ष में रखें खाने-पीने का  ध्यान

 



हर साल की तरह 15 दिनों तक चलने वाला पितृ पक्ष इस बार 13 सितंबर से शुरू हो चुका है। इन 15 दिनों को हमारे दिवंगत पूर्वजों की आत्मा को धन्यवाद देने के लिए पवित्र माना जाता है। इस दौरान, कई आहार प्रतिबंधित हैं, जिनका पालन आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारणों से भी किया जाता है। ऐसा माना जाता हैकि इस वक्त तामसी भोजन से बचना चाहिए। अधिकांश खाद्य पदार्थों को वैज्ञानिक उद्देश्यों की वजह से भी नहीं खाया जाता है। साथ ही तामसिक खाद्य पदार्थों को खाने के बाद शरीर द्वारा उत्पादित रसायन पितृ पक्ष के अनुष्ठानों के लिए आवश्यक एकाग्रता में बाधा बन सकती है। ऐसे में हमने यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट तैयार की है, जिन्हें आपको खाने से बचना चाहिए।


गाय का दूध - इस मौसम में गाय का दूध पीने से दूर रहना चाहिए। एक गाय जिसने हाल ही में जन्म दिया है उसके दूध से विशेष रूप से बचा जाना चाहिए।


बासी भोजन - यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस दौरान खाए गए लिए सभी खाद्य पदार्थ ताजे होने चाहिए। इस दौरान, ताजा भोजन खाना पूर्वजों दिनों की आत्मा को खिलाना है। इस वक्त मौसम में काफी बदलाव होने के कारण, व्यक्ति को अधिक समय तक फ्रिज में रखे भोजन से दूर रहना चाहिए।


पत्ते पर कभी भी खाना न परोसें - ऐसा कहा जाता है कि हमारे पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध का भोजन केवल चांदी कटोरे में परोसा जाना चाहिए। इसके अलावा, यह धातु चारों ओर सभी बुरी ताकतों को नष्ट करने में भी कारगर है। श्राद्ध के मौसम में खीर का विशेष महत्व रहता है। हालांकि, इस मामले में, उपयोग किया जाने वाला दूध केवल गाय का होना चाहिए। दही, घी और खीर सहित दूध से तैयार कोई भी चीज गाय के दूध की होनी चाहिए। लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गाय ने हाल के दिनों में जन्म नहीं दिया हो। खाने में उजले नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें श्राद्ध के वक्त खाना बनाने वाले की शक्ल पूर्व की तरफ । 


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